Thursday, July 2, 2015

Lucknow Smart City



Lucknow Smart City

Smart Cities in UP(India): Lucknow

बड़ी खबर चल रही है सत्ता के गलियारों में कि नबाबों का शहर अब Smart बनने चला है।

इस खबर को सुनके उनको बड़ा सदमा हुआ है कि अब उनके तांगो का क्या होगा? बग्घी जो रखी हैं, उनका क्या होगा? अरबी घोडों का क्या होगा? और क्या होगा जिदंगी का जिसे रफ्ता रफ्ता चलने की आदत सी हो गई है।

हज़रतगंज और कैशरबाग की उन शामों का अब क्या होगा? दिल जो धड़कते थे वहाँ, अब उनका क्या होगा?

काफी कुछ तो बदल ही गया था, जो थोड़ा बहुत बचा था, उसका अब क्या होगा?

टुन्डे के कबाब और शेखावत की बिरयानी का क्या होगा? कैसरबाग में मामू-भान्जे के मकबरे के पास पारिक काफी थे उनका क्या होगा? हाईकोर्ट तो शिफ्ट हो ही रहा है। भातखंडे संगीत महा विद्यालय के कत्थक का क्या होगा? आर्ट्स कालेज और आईटी कालेज का अब क्या होगा? सुभाष होस्टल के पास खड़े होने वाले मजनुओं का अब क्या होगा? केजी मेडिकल कॉलेज का नाम सत्ता परिवर्तन के साथ बदल जाता है, उसका क्या होगा? इमामबाड़ों पर बेमतलब ताले जड़ दिये जाते हैं थे उनका क्या होगा?

लखनऊ नया हो रहा है। मेट्रो चलने वाली है। बगैर टिकट चलने वालों का अब क्या होगा? जगह जगह पान की पीक करने वालों का अब क्या होगा?

तहजीब के लिए जाने पहचाने वाले इस शहर का slogan अब क्या होगा? मुस्कुराइए कि आप लखनऊ में हैं, अब उसका क्या होगा?

अमीनाबाद, गड़बड़झाले की भीड़भाड़ वाले इलाके में भी नजरें चार करने वालों का अब क्या होगा?

"यह कौन सी फिरदौस हैं जिसे हम नहीं जानते हैं ", कहने वालों का अब क्या होगा?

गरीबों के लिए खजाने खोलने वाले और काम करा के पगार देने वाले और रात के साये में फिर गिराने वालों के अदब का हाल अब क्या होगा? न जाने कितने गरीबों को अमीर बनते हुये देखने वाले लखनऊ को अमीर से गरीब बनते हुये देखने वालों का हाल न जाने क्या होगा?

स्मार्ट बन रहा है, लखनऊ भी अब। जो भी होगा अच्छा होगा। कभी बैलगाडी, कभी हाथी, कभी साइकिल की सवारी पर चलने वाले लखनऊ का हश्र न जाने अब क्या होगा?

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
 

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