Friday, February 13, 2015

ऋतु बसंत करे पदार्पण कहलाये मधुमास का प्रथम चरण।



कलम से____

सूर्य चले जब से उत्तरायण
बदले पर होले हौले मौसम
ऋतु बसंत करे पदार्पण
कहलाये मधुमास का प्रथम चरण।

ऐसा है इसका बसंती व्याकरण
पतझार का लगता है मौसम
उमड़ेगा फूल पात पर हर छण
ऐसा होगा बसंत का दूजा चरण।

सेमल पलाश खूब खिलेंगे
अमराई बौराएगी साथ साथ
रंग प्रकृति में बिखरे बिखरे होंगे
फाल्गुन में दिल महके महके होंगे
ऐसा होगा बसंत का तीजा चरण।

होली के रंगों का है इंतजार
होगा बृज में रसिया जोरदार
राधे संग कन्हाई खेलेंगे फाग
रंग खेलें जिनके हों बड़े भाग
हो ऐसा बसंत का अंतिम चरण।

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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