Monday, January 26, 2015

नेता भारत का ईमान अगर न बेचे अपना हो जाए समग्र भारतवासी का पूरा सपना।


कलम से____

उत्सव का माहौल अब समाप्त हुआ
चलो देखें हमने अभी तक क्या किया।

तरक्की हुई देश की धीरे हुई परंतु हुई
मोदीजी गति प्रदान करने में हैं लगे हुए।

एक दो तीन करार पर बात आगे है बढ़ी
व्यापारिक बात बिगड़ेगी नहीं देखते है अभी।

परमाणु संयंत्र लगें उत्पादन विद्युत बढ़े
देश तो अब इतनी छोटी सी आस करे।

हित किसान के सधें आगे के काम बनें
जनमानस की जाकर तब सांस सधे।

दिल्ली दंगल पर निगाह सभी की है लगी
देखो अबके किस्मत किसकी है खुलती।

नेता भारत का ईमान अगर न बेचे अपना
हो जाए समग्र भारतवासी का पूरा सपना।

©सुरेंद्रपालसिंह 2015
http://spsinghamaur.blogspot.in/

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