Tuesday, December 30, 2014

ऐसी उन्मुक्त हँसी

ऐसी उन्मुक्त हँसी
बचपन में ही नसीब होती है
नसीब वाले हैं
वो जो इस हँसी को देख हँसते हैं
हम तो बचपन में 
हर रोज़ ही रहते हैं
//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//
— with Ramaa Singh.
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