Monday, November 10, 2014

उडती उडती सी बात मेरे कानों में है पड़ी।

कलम से____

उड़ती उड़ती सी बात मेरे कानों में है पड़ी
अब ठेके पर शराब नकली मिलने लगी है।

पीने वाले पीते पीते बात आपस में कर रहे थे
डीम औ' एसपी को बुलाने की बात कह रहे थे।

एक कहने लगा दावत पर उनको बुलाएगें
सामने अपने ही बैठ कर उनको पिलाएगें।

देखते हैं फिर उनको चढ़ती है या नहीं
नहीं अगर चढ़ी तो जीत हमारी निश्चित हुई।

लाले पर आफत आनी फिर  पक्की  हुई
नकली पिलाता है शाला  जेल जाएगा।

जेल के पहले थाने में डंडा चलाया जाएगा
खड़े हो दूर से तमाशा देखने में मजा आएगा।

लौट कर जब आएगा मिलावट करना भूल जाएगा
बाद में इसी ठेके पर दारू प्योर मिलेगी।

चलो चलकर बुलावा कल शाम का दे आते हैं
नकली शाले ने है पिलाई है सुबूत पेश कर आते हैं।

(समाजवादी व्यवस्था में जब शराब बेच कर राज्य राजस्व कमाने में जुटे तो लोगों में शराब बंदी कंहा से शुरू होगी।)

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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