Thursday, October 2, 2014

नगें पावँ तुम्हारे ही नहीं हमारे भी हैं ।

कलम से____

नंगे पाँव
तुम्हारे ही नहीं
हमारे भी हैं
पाँव में
छाले तुम्हारे ही नहीं
हमारे भी हैं
हम छुपाते फिरते हैं
कुछ दिखा के अफसाने बना देते हैं........

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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