Sunday, September 21, 2014

सुप्रभात।
Good morning dear friends.
09 22 2014

ख्यालों में डूबा हुआ था, मैं
भूल ही गया था
कल शाम की वो बात
जब रामू को उसकी
एक गलती के लिए
डांट जोर से दिया था।

रहा नहीं गया
मुझसे
रात आधी उठ
मैं उसके पास गया था
न मैं सोया
न वो सोया
हुआ था
उठा कर सीने से
चिपकाया मैंने
वो भीतर से
बहुत टूटा हुआ था।

मुआफी माँगी मैंने
अब मैं कभी ऐसा न कँरूगा
परेशान न हो मेरे बच्चे
तू भी वैसा न करना।

दोनों ही हम
रो रहे थे
एक दूसरे को
तसल्ली बस दे रहे थे।

कभी कभी
ऐसा हो जाता है
जब दिल टूट जाता है
मलहम की जरूरत
महसूस होती है
इन्सान ही इन्सान को समझता है।

सोमवार नये हफ्ते की शुरुआत।
आप सभी का अपने अपने काम में मन लगे, खुशियों से आफिस और घर आबाद रहे। बस यही दुआ है आज तेरे लिए।

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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