Sunday, September 21, 2014

दस्तक दी भी नहीं दौड़ कर आते हुए ।

कलम से____

दस्तक दी भी नहीं
दौड़ कर आते हुए
झट से दरवाज़ा उन्होने खोल दिया !!!

//सुरेन्द्रपालसिंह © 2014//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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