Friday, August 22, 2014

मेरी जिन्दगी सुबह सुबह ।

Good morning friends. सुप्रभात मित्रों।
08 22 2014

कभी कभी सफाई करना जरूरी होता है। इसी सफाई करने में हीरे जवाहरात मिल जाते हैं। कभी कभी कुछ ऐसा मिल जाता है जो खो गया हो।

कल घर के सफाई अभियान में मेरी भी ऐसी ही एक खोई चीज मिल गई। मेरी डायरी। काफी पुरानी। पुरानी यादों को संजोए हुए।

आज उसी डायरी के एक पुराने पन्ने की एक कतरन आपके लिए।

मेरी जिन्दगी सुबह सुबह
शुरू हो जाती है
चैन की नींद
नहीं आती है।

हर वक्त याद
सताती रहती है
माँ मुझे मेरी
बहुत याद आती है।

बचपन छूट
पीछे गया
था सुनहरा सपना सा
पर याद अब
कुछ न आता है।

इस गली
कभी उस गली
आवाज देती रहती हूँ
कुछ मुझसे लेलो
पुकारा करती हूँ
किसी किसी दिन
मालिक खुश बहुत होता है
उस रोज भर पेट खाना मिलता है।

अक्सर रोते रोते
खाली पेट
सोना पडता है
बोझ बन गई है
जिन्दंगी मेरी
अब नहीं सही जाती।

कभी कभी ही सही
सपने में आजाती थी
थपकी देकर सुला जाती थी
अब तो वो भी नहीं आती
सो गई होगी
नींद शायद उसे आ गई होगी।

//surendrapalsingh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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