Wednesday, August 6, 2014

हो जाए अचानक कभी मुलाकात उनसे

हो जाए अचानक कभी मुलाकात उनसे
ख्वाब सज जांएगे अनगिनत फिर से।

अंतस में आग मिलन की फिर लग जाएगी
शातं जो हो गई थी दुबारा सुलग जाएगी।

तेरे रूप का जादू सिर चढने लगेगा
भोला सा चेहरा तेरा दमकने लगेगा।

चमक तेरी आँखों में छा जाएगी
बिजली आकाश में कौंध जाएगी।

बरसात की रात का नजारा ही कुछ औ' होगा
बाहों में मेरी बारिश से भीगा तेरा बदन होगा।

पुरानी यादों को ताजा कर के हंस रहे होगें
फिर से बिछडने का गम सता रहा होगा।

रोना रुलाना हँसना हँसाना प्यार में होता ही है
जालिम जमाना नजर मिलने वालों पर रखता ही है।

चलो चलते हैं दूर हम एक दिन खुदा से मिलने
मांग लेगें इक दूजे को बंदे हैं हम आखिर उसके।


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