Sunday, August 31, 2014

सोमवार ! मैं सोच रहा हूँ आज मैं क्या कहूँ ।

सुप्रभात मित्रों।
Good morning friends.
09 01 2014

कलम से____

सोमवार !
मैं सोच रहा हूँ
आज मैं क्या कहूँ
सब तो कह चुका हूँ
अब और क्या कहूँ !

न कहते कहते
हर दिन कुछ कह जाता हूँ
कभी दिल आपका खुश करके हटता हूँ
कभी परेशान करके जाता हूँ !!

आज बस इतना ही कहूँगा
खुश रहा करिए
औरों को भी खुश करते रहिए
खुशी छोटी छोटी बातों से मिलती है
कभी हाल उनका भी ले लिया करिए
वो आपका ख्याल रखते बहुत हैं
कभी आप उनके लिए बेहाल हुआ करिए !!!

मैने दे दी हैं सारी परेशानियां तुम्हें
तुम भी मुझे कुछ परेशानी दे दिया करो
गम बांटने से बंटते हैं
दिल में रखने से रोग बनते हैं
रोगों को दूर ही रहने दीजिए !!!

//surendrapalsingh//

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