कलम से____
नहीं जानता था
आज मैं अपना
सब कुछ खो बैठूँगा
खोकर सब कुछ
इतना प्रसन्न रहूँगा
जब कुछ अपना है ही नहीं
उसके लिए अब न रोऊँगा
जब भन लागा तेरे संग
मोह मेरा हुआ भंग
भाता तेरा सतसंग।
जै श्रीकृष्ण। जै श्रीराधे।
//surendrapal singh//
08 07 2014
नहीं जानता था
आज मैं अपना
सब कुछ खो बैठूँगा
खोकर सब कुछ
इतना प्रसन्न रहूँगा
जब कुछ अपना है ही नहीं
उसके लिए अब न रोऊँगा
जब भन लागा तेरे संग
मोह मेरा हुआ भंग
भाता तेरा सतसंग।
जै श्रीकृष्ण। जै श्रीराधे।
//surendrapal singh//
08 07 2014
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