Sunday, August 24, 2014

आखँ खुलते ही देखा एक चमत्कार कबूतर युगल था फिर एक साथ।

कलम से____

आखँ खुलते ही देखा
एक चमत्कार
कबूतर युगल था फिर एक साथ
कौतूहल बस पूछ लिया
कहाँ गयी थी
कहने लगी हँस कर वह
मैं भी देख रही थी
करते हैं मुझसे प्यार या नहीं
बिन बताए मैके चली गई थी
लौट कर देखा है इन्हें बेहाल
वादा है मेरा
अब न जाऊँगी कभी इन्हें छोड़
रहूँगी इनके पास अब मैं सदा।

प्यार में नोंकझोंक नहो
तो जीने का मज़ा नहीं
थोड़ी बहुत तकरार
तो चलती मेरे यार।

दोनों मिल दुबारा रह रहे हैैं
परिवार के लिए कुछ प्लान बना रहे हैैं।

//surendrapalsingh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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