Monday, August 11, 2014

कलम है जा लिखती रही

कलम से____

कलम है जा लिखती रही
रुकने का नाम न ले रही
न जाने कब तक चलेगी
जब तक चलेगी
धार ऐसी ही रहेगी
इच्छा शक्ति बनी रहे
काम बुद्धि करती रहे
जब तक है जहाँ
आशिकी कलम से बनी रहे
कलम मेरी सलामत रहे
कलम ऐसे ही चलती रहे ............

//surendrapal singh//

http://spsinghamaur.blogspot.in/

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