Friday, August 15, 2014

जश्न की रात होगी

कलम से____

                   जश्न की रात होगी
                   सब ऐश कर रहे होगें
                   कुछ आज ऐसा हो जाए
                   दिल सब का खुश कर जाए।

इतंजार करेगें बेसबरी से
उस घडी का
नफरत जो है पल रही हवाओं में
शान्त पड जाए
लगी है आग जो दिल में उसे ठंडक आ जाए।

          जश्न का माहौल और रगीनं हो जाए
   दुश्मन मेरी जाँ का मेरी बाहों में आ जाए।

//surendrapalsingh//

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