Sunday, August 24, 2014

नज़र रखो अपने 'विचार' पर, क्योंकि वे ''शब्द'' बनते हैँ।

सुप्रभात दोस्तों।
        Good morning friends.
                08 25 2014

शुद्ध विचार अगर जीवन का हिस्सा बन जाएं तो आधा कष्ट स्वतः दूर हो जाए। कहते हैं न विनाश काले विपरीत बुद्धि। एक प्रकार से गलत विचार का जन्म लेना ही हमें गलत दिशा में ले जाता है। हमारी दिशा गडबडाते ही दशा खराब होने लगती है।हम आदर्श वादी बनने की कोशिश करें और अंत में एक रत्ती हिस्सा मात्र प्राप्त कर भी संतोष करलें तो बहुत ही अच्छा है।

 

          नज़र रखो अपने 'विचार' पर,
            क्योंकि वे ''शब्द'' बनते हैँ।

            नज़र रखो अपने 'शब्द' पर,
             क्योंकि वे ''कार्य'' बनते हैँ।

             नज़र रखो अपने 'कार्य' पर,
           क्योंकि वे ''स्वभाव'' बनते हैँ।

           नज़र रखो अपने 'स्वभाव' पर,
            क्योंकि वे ''आदत'' बनते हैँ।

           नज़र रखो अपने 'आदत' पर,
            क्योंकि वे ''चरित्र'' बनते हैँ।

          नज़र रखो अपने 'चरित्र' पर,
      क्योंकि उससे ''जीवन आदर्श'' बनते हैँ।...

      (contributed by my one friend)

//surendrapalsingh//

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