Friday, August 15, 2014

चादँनी चादँ से कह दो आज जाए न कहीं


कलम से____

चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं
आ रहे हैं वो
बस वह रहे यहीं
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।

आस मेरी लगी है
आना है उनको यहीं
जाएगें फिर नहीं
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।

वो किसी और को
साथ अपने लाएं नहीं
आएं अकेले ही सही
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।

हमारे मिलन की रात है
बात कुछ और होगी नहीं
मैं और वो रात गुजारेंगे यहीं
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।

चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं.........

//surendrapalsingh//
http://spsinghamaur.blogspot.in/

No comments:

Post a Comment