कलम से____
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं
आ रहे हैं वो
बस वह रहे यहीं
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।
आस मेरी लगी है
आना है उनको यहीं
जाएगें फिर नहीं
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।
वो किसी और को
साथ अपने लाएं नहीं
आएं अकेले ही सही
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।
हमारे मिलन की रात है
बात कुछ और होगी नहीं
मैं और वो रात गुजारेंगे यहीं
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं।
चादँनी चादँ से कह दो
आज जाए न कहीं.........
//surendrapalsingh//
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