Saturday, August 30, 2014

सुप्रभात 31st August, 2014

सुप्रभात मित्रों।
Good morning friends.
08 31 2014

कलम से____

अगस्त भी अपने समापन पर आ गया।

आज इतवार है। सभी चैन की वंशी बजा रहे हैं। हमें चैन कहाँ। सबेरे सबेरे आखँ जो खुल जाती है फिर नीदं किसे आती है।

चलते हैं
आज अपनी दुपहिया गाड़ी निकालते हैैं सवार हो उस पर चलते हैैं
राह में कुछ लोग जुड़ जाएगें
और कारवां लंबा हो जाएगा
आज कुछ लंबे चलेंगे
साथ में head turner भी रहेगें
पलट कर जब वो देखेगें
मन में हम भी मन ही मन खुश हो लेगें
इसी चक्कर में
देखा देखी कुछ लोग और बढ़ेंगे
मज़ा आएगा जितनी दूर कारवां अपना जाएगा !!

आगरा एक्सप्रेस वे तक जाएगें
चाय नाश्ता वहीं करेगें
मस्ती रहेगी
कुछ बदन में फुर्ती आएगी !!

नौजवानों के बीच रहकर
हम भी कुछ वक्त तक नौजवान बन जाएगें
जीवन के यही रंग बाद में याद बहुत आएगें !!

आज आपकी यादें ताजी हो गई होंगी
कितनी रविवार की छुट्टी ऐसै ही मनाई होगी !!

रविवार की मुबारकबाद !!!

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