कलम से _ _ _ _
याद आते हो तुम बार-बार,
अब के आना तो अकेले न आना,
अबकी बार आना तो किसी के साथ हो आना,
हम चलेंगे साथ-साथ 'बार',
कुछ पियेंगे मौज करेंगे अबकी बार,
भूलेंगे उसको,
आती जाती है याद जिसकी बार-बार,
कोई साथ होगा तो सुध ले लेगा,
रोकेगा कहेगा पियो न बारंबार।
//surendrapal singh//
07192014
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