Sunday, July 20, 2014

कलम से _ _ _ _

लखनऊ सो गया है,
सो गई है आत्मा,
झकझोर कर
कौन उठाए इसको अब यहाँ।

उठो लखनऊ निवासियों
वह करो
जो दिल्ली कर चुकी है
एक और दामिनी की
बर्बर हत्या हो चुकी है।


//surendrapal singh//

07192014

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