कलम से _ _ _ _
लो चलने के हो गया है वक्त,
वहां मिलता नहीं है कुछ भी मुफ्त।
जेबें भर लेना मुद्रा अच्छी खासी ले लेना,
नहीं तो लेना होगा भगवान का नाम।
इंतजार में सब बैठे है बडे साहब जो आने वाले है,
तैयारी खूब हुई है माला - हार लेकर खडे हैं।
लो चलने के हो गया है वक्त,
वहां मिलता नहीं है कुछ भी मुफ्त।
जेबें भर लेना मुद्रा अच्छी खासी ले लेना,
नहीं तो लेना होगा भगवान का नाम।
इंतजार में सब बैठे है बडे साहब जो आने वाले है,
तैयारी खूब हुई है माला - हार लेकर खडे हैं।
//surendrapal singh//
07192014
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