कलम से _ _ _ _
जीवन की है अजब कहानी,
चलती जाए चलती जाए,
इसका जैसे न हो कोई सानी,
नदिया की भी है यही कहानी,
जीवन की है अजब कहानी।
रात अंधेरी रहे न अधूरी,
सुबह कहे साथ मेरा अब तेरा,
आने दे एक नया सवेरा,
राह पकड तू चलता जाए,
जीवन एसे बढता जाए,
जीवन की है यही कहानी,
जीवन की है अजब कहानी।
तुम रहते हो आसपास,
लगता है तुम हो मेरे,
जग है मेरा,
कितना सुदंर यह अहसास,
दस्तक देता कोई है,
भीतर आने को वो आतुर है,
आकर तुमको ले जाना है,
उसे तुम्हें अपने साथ,
मै फिर सूना हो जाऊंगा,
तेरे दूर हो जाने के बाद,
करूँ मैं अब किसकी तलाश,
शून्य भरे खालीपन मेरा,
ऐसा फिर होगा जीवन मेरा,
इस एकाकी पन से होगी,
एक नये जीवन की शुरुआत,
जीवन की है अजब कहानी।
//surendrapal singh//
07192014
http://1945spsingh.blogspot.in/2014/07/blog-post.html
and
http://spsinghamaur.blogspot.in/
जीवन की है अजब कहानी,
चलती जाए चलती जाए,
इसका जैसे न हो कोई सानी,
नदिया की भी है यही कहानी,
जीवन की है अजब कहानी।
रात अंधेरी रहे न अधूरी,
सुबह कहे साथ मेरा अब तेरा,
आने दे एक नया सवेरा,
राह पकड तू चलता जाए,
जीवन एसे बढता जाए,
जीवन की है यही कहानी,
जीवन की है अजब कहानी।
तुम रहते हो आसपास,
लगता है तुम हो मेरे,
जग है मेरा,
कितना सुदंर यह अहसास,
दस्तक देता कोई है,
भीतर आने को वो आतुर है,
आकर तुमको ले जाना है,
उसे तुम्हें अपने साथ,
मै फिर सूना हो जाऊंगा,
तेरे दूर हो जाने के बाद,
करूँ मैं अब किसकी तलाश,
शून्य भरे खालीपन मेरा,
ऐसा फिर होगा जीवन मेरा,
इस एकाकी पन से होगी,
एक नये जीवन की शुरुआत,
जीवन की है अजब कहानी।
//surendrapal singh//
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