कलम से _ _ _ _
कहावत
चरितार्थ है कि खाओ पियो और मौज करो।
वाकई जहाँ भी नजर डालोगे,
बस मौज ही मौज पाओगे।
अब तो बैंक भी मौज के लिए,
ऊधार देते है, कहते है मौज करो,
वापस करो या न करो मौज पूरी करो।
वैसे भी यारो अपनी दिल्ली मे,
हर चीज उधार मिलती है,
वापस करो या न करो,
पर मौजमस्ती खूब करो ।
वाकई जहाँ भी नजर डालोगे,
बस मौज ही मौज पाओगे।
अब तो बैंक भी मौज के लिए,
ऊधार देते है, कहते है मौज करो,
वापस करो या न करो मौज पूरी करो।
वैसे भी यारो अपनी दिल्ली मे,
हर चीज उधार मिलती है,
वापस करो या न करो,
पर मौजमस्ती खूब करो ।
//surendrapalsingh//
07252014
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