कलम से _ _ _ _
कलम से....
तिवारी जी के निमंत्रण पर थे,
तिवारी जी के निमंत्रण पर थे,
हम शहर हैदराबाद मे।
गोलकुडाँ फोटॆ के भीतर,
गाइड की कही कहानी
गोलकुडाँ फोटॆ के भीतर,
गाइड की कही कहानी
याद आ रहीहै,
पुराने जमाने मे
पुराने जमाने मे
हर बादशाह मौत के बाद
अपने दफन के लिए
अपनी जिंदगी रहते ही
खूबसूरत मुकाम बनवाते थे।
इतना कहते ही
इतना कहते ही
उसने इशारा कर बताया
कि वो दूर जो नजर आरही है
फलाँ बादशाह की कब्रगाह है औ' वो उसकी।
आज मुझे जब यह याद आता है
तो मैंने पाया
कि अपने आगरे औ' दिल्ली मे भी तो
कितनी खूबसूरत इमारतें है,
जो अमीर उमरा की कब्रगाह ही तो है।
एक उसमे से ताजगंज का ताज भी है।
एक उसमे से ताजगंज का ताज भी है।
जिसे दुनिया मोहब्बत की निशानी मानती है।
स्मरण हो आता है....
उन खूबसूरत छतरियौ का जो शहर ग्वालियर,
स्मरण हो आता है....
उन खूबसूरत छतरियौ का जो शहर ग्वालियर,
शिवपुरी, जैसलमेर, जयपुर, जोधपुर वगैरह मे नजर आती है।
ऐ सब भी किसी न किसी
राजा औ' महाराजा की समृति
मे बनवाई गयी है।
आप ध्यान से देखें
मे बनवाई गयी है।
आप ध्यान से देखें
तो फकॆ पाएँगे कि कुछ
अपने मरने के पहले ही
इमारतें बनबा दिया करते थे,
कुछ के लिऐ
ऊनके मरने के बाद बनबाई जाती थी।
इतिहास गवाह है
इतिहास गवाह है
किसी ने किसी को सत्ता के लालच मे मरवा दिया,
किसी ने किसी की यादों को
पत्थर के महल मे सजा अमर औ' अजर कर दिया ।
आने वाली नस्ल सिफॆ
उनको याद करेगी,
जिसने पत्थर के ऊपर पत्थर सजा दिया ।
आज भी हम सजदे मे वहीं जाते है,
जहाँ पत्थर ही पत्थर है,
घरौदे भी तो,
मिट्टी के बने आशियाँ है।
जिसने पत्थर के ऊपर पत्थर सजा दिया ।
आज भी हम सजदे मे वहीं जाते है,
जहाँ पत्थर ही पत्थर है,
घरौदे भी तो,
मिट्टी के बने आशियाँ है।
//surendrapalsingh//
07242014
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